सावन मास केवल शिव-पार्वती के पूजन का ही शुभ समय नहीं है। इस दिन कुछ विशेष उपायों से कुंडली में स्थित ग्रहों के दोष का भी निवारण किया जा सकता है। चूंकि भगवान शिव सभी ग्रहों के स्वामी हैं, इसलिए उनकी प्रसन्नता मात्र से संबंधित ग्रह का दुष्प्रभाव दूर हो सकता है। जानिए इस बार ग्रहशांति के लिए कैसे करें शिवजी का पूजन…
1- अगर आपकी कुंडली में सूर्य का दोष है तो इसका निवारण बहुत आसानी से कर सकते हैंl शिवजी का गंगाजल से अभिषेक करने से सूर्य का दोष दूर हो जाता है। गंगाजल उपलब्ध न हो तो किसी भी जलस्रोत का स्वच्छ जल काम में ले सकते हैं।
2- चंद्रमा मन का स्वामी है और उसके स्वामी हैं भगवान शिव। इसलिए मन पर नियंत्रण रखना हो तो शिवजी की आराधना करें। इसके लिए शिव लिंग पर कच्चे दूध में काले तिल डालें और भगवान भोलेनाथ का दुग्धाभिषेक करें। इससे मन के विकार दूर होते हैं।
3- मंगल का दोष जीवन में अनेक अमंगल करता है। क्रोध की अधिकता से मंगल जीवन में तूफान ला सकता है। इसकी शांति के लिए गिलोय बूटी के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें। इससे शीघ्र ही मंगल शांत हो जाता है।
4- बुध का दोष जीवन में भ्रमित करता है। जातक सही फैसले नहीं ले पाता, उसे परिश्रम का सही फल नहीं मिलता। ऐसे में भगवान शिव का सरल विधि से किया गया पूजन आपके दुख दूर कर सकता है। शिव लिंग पर भोलेनाथ को दही एवं मिश्री अर्पित करें। बुध का दोष दूर हो जाएगा
5- अध्ययन में असफलता मिल रही है, वैवाहिक जीवन में कष्टों की भरमार है अथवा विवाह में अनावश्यक विलंब हो रहा है तो यह गुरु का दोष हो सकता है। इसके निवारण के लिए कच्चे दूध को हल्दी में मिलाकर शिवजी का दुग्धाभिषेक कीजिए। जरूर शुभ फल मिलेगा।
6- संतान प्राप्ति में विलंब हो रहा है अथवा संतान पर संकट आ रहे हैं, वैवाहिक रिश्तों में कड़वाहट घुल रही है तो यह शुक्र का दोष हो सकता है। इसके लिए पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक कीजिए। शिवकृपा से सब मंगल होगा।
7- शनिदेव का दोष जातक को अनेक कष्ट देता है। हालांकि हनुमानजी के पूजन एवं शनि को तेल चढ़ाने से भी कोप शांत होता है लेकिन भगवान शिव का गन्ने के रस से किया गया अभिषेक भी शनि को शांत कर सकता है। इससे आपके बिगड़े काम बनने लगेंगे।
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